Saturday, July 12, 2025

Monthly Archives: January, 2016

‘बावरी उड़ान’ का मंचन

कपिलवस्तु महोत्सव 2015 में पहली बार 'बावरी उड़ान' का मंचन किया गया. इस नाटक का लेखन एवं निर्देशन नवोन्मेष अध्यक्ष विजित सिंह द्वारा किया...

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सम्मान

गणतंत्र दिवस के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश मा. श्री माता प्रसाद पाण्डेय जी द्वारा नवोन्मेष अध्यक्ष विजित सिंह को विशेष सम्मान से...

कैदियों के साथ द्विमासीय कार्यशाला

जिला कारागार सिद्धार्थनगर में नवोन्मेष द्वारा द्विमासीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला के अंतर्गत नवोन्मेष अध्यक्ष श्री विजित सिंह द्वारा प्रतिदिन चयनित...

कैदियों को प्रशिक्षित कर नाटक का मंचन

विषय: जिला कारागार में नवोन्मेष द्वारा प्रशिक्षित कैदियों द्वारा मंचित ‘नाटक ठहरा हुआ’ पानी के सन्दर्भ में नाटक ‘ठहरा हुआ पानी’ हेतु कैदियों को...

नवोन्मेष साहित्य सम्मान

साहित्य जगत में अतुलनीय योगदान देने हेतु 'श्री पंकज सुबीर जी' को 'नवोन्मेष साहित्य सम्मान' से अलंकृत किया गया. यह सम्मान नवोन्मेष महोत्सव के...

‘ओ री चिरैया’ के लिए सम्मान

नवोन्मेष की बहुचर्चित नाट्य प्रस्तुति 'ओ री चिरैया' हेतु केन्द्रीय मंत्री माननीय श्री कलराज मिश्र जी द्वारा नवोन्मेष को लखनऊ के संत गाडगे जी...

नवोन्मेष नाट्य उत्सव 2015

‘नवोन्मेष नाट्य उत्सव’ प्रति वर्ष साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था ‘नवोन्मेष’ द्वारा गौतम बुद्ध की क्रीड़ास्थली (कपिलवस्तु) सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश में आयोजित किया जाता...
- Advertisment -

Most Read

एक स्त्री पर कीजिए विश्वास I Poetry I Kumar Ambuj I Vijit Singh

Ek Stree Par Kijiye Vishwas I एक स्त्री पर कीजिए विश्वास Written by  Kumar Ambuj I कवि : कुमार अंबुजPoetry recite by Vijit...

माँ के बिना घर I Poetry I Pankaj Prakhar I Vijit Singh

Maa Ke Bina Ghar I माँ के बिना घर Poetry Written by Pankaj Prakhar I कवि : पंकज प्रखरPoetry recited by Vijit Singh...

अँधेरा बनने से डरो I Poetry I Ila Prasad I Vijit Singh

Andhera Banane Se Daro I अँधेरा बनने से डरो  Poetry Written by Ila Prasad I कवयित्री : इला प्रसादPoetry recited by Vijit...

माँ का जीवन I Poetry I Ankush Kumar I Vijit Singh

Maa Ka Jeewan I माँ का जीवनPoetry Written by Ankush Kumar I कवि : अंकुश कुमारPoetry recited by Vijit Singh I काव्य...