नाटक : अंगिरा
लेखक : डॉ. गौतम चैटर्जी
निर्देशक : डॉ.सुमित श्रीवास्तव
प्रस्तुति : नवोन्मेष
प्रस्तुति दिनाँक : 5 मार्च 2023
स्थान : थ्रस्ट प्रेक्षागृह, भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ
पात्र :
मोइज़ : राज वर्धन पांडेय
अंगीरा : भव्या द्विवेदी
सहायक निदेशक : अविजित पाण्डेय
संगीत : तुषार गुप्ता
प्रोडक्शन मैनेजर : राहुल सिंह चंदेल
नाटक सार :
नायक मोइज़ और नायिका अंगीरा मुम्बई के महानगर में एक कमरा कॉन्ट्रैक्ट पर लेकर रहते हैं, शर्त के मुताबिक मोइज़ रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रहता है और सुबह प्रेस में नौकरी करने चला जाता है। अंगीरा आकाशवाणी में नौकरी करती है, वहाँ उसका काम रात में होता है। वो दिन भर कमरे में रहती है और रात को नौकरी करने चली जाती है लेकिन एक दिन वो नौकरी पर नहीं जाती है। मोइज़ के पूछने पर वो बताती है कि उसने एक मर्डर किया है ,यही से नाटक अपने क्लाइमेक्स की तरफ मुड़ जाता है और सुखांत में तब्दील होता है। भारतीय मानस में हर कालखंड में लड़कियां किस मानसिक दबाव से गुज़रती हैं या गुज़रती रही हैं चाहे वो गार्गी, मैत्रेयी, अपाला, लोपामुद्रा, पंचकन्या, या द्रौपदी ही क्यों न हो! इन सभी की मानसिकता और अंतर्द्वंद की छाया है अंगीरा, जो कि अबतक हुई सभी स्त्रियों का प्रतिनिधित्व करती है। मोइज़ अंगीरा को सुनता हुआ उसके मन की गहराइयों को समझता है और अंगीरा को अहसास होता है कि उसके शब्द मोइज़ की लिखावट का ही हिस्सा हैं … इस बार दोनों एक ही शब्द लिखना चाहते हैं एक साथ एक मन से….ये एक physiological love story है, बहुत ही subtle .जो दर्शकों से प्रस्तुति के लिए उसी गहराई और सहृदयता की मांग करती है।
Play : Angira
Writer : Dr.Gautam Chatterjee
Director : Dr.Sumit Srivastav
Created by : Navonmesh