Monday, November 18, 2024
Home Blog बिना दीवारों के घर I Mannu Bhandari I Vijit Singh

बिना दीवारों के घर I Mannu Bhandari I Vijit Singh

बिना दीवारों के घर  I Bina Deewaron Ke Ghar
लेखन : मन्नू भण्डारी I Writer : Mannu Bhandari
परिकल्पना एवं निर्देशन : विजित सिंह I Design & Direction : Vijit Singh
प्रस्तुति समूह : नवोन्मेष I Presented by : Navonmesh
स्थान : थ्रस्ट प्रेक्षागृह, भारतेन्दु नाट्य अकादमी I Venue : Thrust Auditorium, Bhartendu Natya Akademi, Lucknow
Date : 13.01.2023

पात्र परिचय : 
शोभा : मनीषा मेहरा 
अजित : राहुल सिंह चंदेल 
जीजी : अदिति दीक्षित 
मीना : भव्या द्विवेदी 
जयंत : विक्की मिश्रा 

नाटक के बारे में :
‘बिना दीवारों के घर’ का जो घर है उसकी दीवारें हैं, लेकिन लगभग ‘न-हुईं’ सी ही। एक स्त्री के ‘अपने’ उसके व्यक्तित्व की आँच को नहीं सँभाल पाते, और पुरुष जिसको परम्परा ने घर का रक्षक, घर का स्थपति नियुक्त किया है, वह उन पिघलती दीवारों के सामने पूरी तरह असहाय ! यह समझ पाने में कतई अक्षम कि पत्नी की परिभाषित भूमिका से बाहर खिल और खुल रही इस स्त्री से क्या सम्बन्ध बने ! कैसा व्यवहार किया जाए ! और यह सारा असमंजस, सारी दुविधा और असुरक्षा एक निराधार सन्देह के रूप में फूट पड़ती है। आत्म और परपीड़न का एक अनन्त दुश्चक्र, जिसमें घर की दीवारें अन्ततः भहरा जाती हैं। स्त्री-स्वातंत्रय के संक्रमण काल का यह नाटक खास तौर पर पुरुष को सम्बोधित है और उससे एक सतत सावधानी की माँग करता है कि बदलते हुए परिदृश्य से बौरा कर वह किसी विनाशकारी संभ्रम का शिकार न हो जाए, जैसे कि इस नाटक का ‘अजित’ होता है। स्त्री-पुरुष के बीच परिस्थितिजन्य उभर जाने वाली गाँठों की परत-दर-परत पड़ताल करने वाली महत्त्वपूर्ण नाट्य- कृति है: बिना दीवारों के घर।

मंच परे :
संगीत संचालन : शुभम तिवारी 
प्रकाश परिकल्पना : पीयूष वर्मा 
प्रकाश संचालन : मनीष सैनी 
प्रकाश संचालन सहायक : प्रशांत वर्मा 
दृश्यबंध परिकल्पना : आशुतोष विश्वकर्मा 
मुख सज्जा : मोहम्मद शोएब 
वस्त्र विन्यास : रोज़ी मिश्रा 
प्रस्तुति प्रबंधन : आदर्श द्विवेदी एवं प्रदीप शिवहरे 
मंच प्रबंधन : राज वर्धन पाण्डेय
प्रस्तुति सहायक : प्रशांत पाण्डेय एवं अभिषेक मिश्रा 
नज़्में : गुलज़ार साहब 
सहायक निर्देशक : अविजित पाण्डेय 
लेखन : मन्नू भण्डारी 
परिकल्पना एवं निर्देशन : विजित सिंह

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

कितना अच्छा होता है I Poetry I Sarveshwar Dayal Saxena I Vijit Singh

कितना अच्छा होता है I Kitna Accha Hota Hai Poetry कवि : सर्वेश्वर दयाल सक्सेना I Written by Sarveshwar Dayal Saxena काव्य...

कैसे गीत लिखूँ I Poetry I Dr.Rajesh Harsvardhan I Vijit Singh

Kaise Geet Likhoon I कैसे गीत लिखूँ Written by Dr.Rajesh Harsvardhan I कवि : डॉ.राजेश हर्षवर्धन Poetry recite by Vijit Singh I...

Kaand I Storytelling performance by Vijit Singh I Musafir Kissonwala

Vijit Singh aka Musafir Kissonwala performed his new storytelling show ‘Kaand’ in Lucknow Uttar Pradesh.Details of the show are as follows :Show...

Theatre Director Surya Mohan Kulshreshtha Interview with Vijit Singh

Interview of renowned theatre director Surya Mohan Kulshreshtha with Vijit Singh.Show name : The Musafir Kissonwala Studio with Vijit SinghCreated by :...

Recent Comments