Thursday, January 16, 2025
Home कार्यक्रम नवोन्मेष की साहित्यिक पहल 'दीपक संग कविता'

नवोन्मेष की साहित्यिक पहल ‘दीपक संग कविता’

 
नवोन्मेष की साहित्यिक पहल  ‘दीपक संग कविता’ के अंतर्गत दिनांक 02 अक्टूबर 2017 को कवि सम्मेलन काआयोजन बाँसी, सिद्धार्थनगर में किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि सांसद जगदम्बिका पाल ने मां वीणापाणी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वल्लन व माल्यार्पण से किया।
         उक्त दौरान कवि सुशील श्रीवास्तव ‘सागर’ ने सरस्वती वंदना व रचना ‘न हिन्दू हूं मैं न मुसलमान हूं मैं बस इंसान हूं’ प्रस्तुत कर कार्यक्रम को दिशा प्रदान किया। संचालन कर रहे वरिष्ठ कवि डा. ज्ञानेंद्र द्विवेदी ‘दीपक’ ने कहा कि हमारी राह में आये तो पर्वत तोड़ देते हैं, जरूरी हो तो दरिया के भी रुख को मोड़ देते हैं। जिसे सुनकर लोग रोमांचित हो गए, और तालियों से उनका खूब उत्साहवर्धन किया। बस्ती जनपद के जिला आबकारी अधिकारी व कवि अनुराग मिश्र ‘गैर’ ने ‘झोपड़ी में गरीबी सिसकती रही, रात भर रातरानी महकती रही’ पक्तियों से काव्य पाठ शुरू कर खूब तालियां बटोरी। झील सी शबनमी आईने में जुल्फभर हम संवारा करेंगे, से निवर्तमान नपाध्यक्ष व नवोदित शायरा चमनआरा राइनी ने अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाबी हासिल किया। डुमरियागंज चकचई इंटर कालेज के प्रधानाचार्य व शायर अहमद फरीक अब्बासी ने ‘अपने अंजाम की परवाह नही करता हूं’ गजल पेश कर खूब वाहवाही लुटा। असरहै मां की मेरे दुआ का धुला है शबनम से सारा रस्ता, इधर गुजर ही नही बला का फरिश्ते पर को बिछा रहे हैं, सुनाकर शायर जमाल कुद्दूसी ने खूब वाहवाही बटोरा। राष्ट्रीय कवि ब्रम्हदेव शास्त्री ‘पंकज’ ने अपनी ‘रचना राम धरा पर कब आओगे फिर मैंने रावण देखा है’ सुनाकर लोगों को सोचने पर विवश कर दिया। हास्य व्यंग्य के रचनाकार राकेश त्रिपाठी ‘गंवार’ ने सुनाया की खड़ी भीख पर जो इमारत तुम्हारी, ढहा देगी इक दिन शरारत तुम्हारी, प्रस्तुत कर नेताओं पर व्यंग वाण छोड़ा। और लोगों को सोचने पर विवश कर दिया। कार्यक्रम में उन्नाव से आये हास्य कवि रामकिशोर वर्मा, गोंडा से आये छन्दकार सतीश आर्य, बस्ती से आये व्यंग्यकार डा. रामकृष्ण लाल जगमग, कवियित्री डा. ज्योतिमा राय, हास्य कवि रत्नेश चतुर्वेदी रतन, संघशील झलक, पंकज सिद्धार्थ,  संगीता श्रीवास्तव, शायर नुसरत अली कौशर, अब्दुल रहमान माहिर आदि सहित कई रचनाकारों ने काव्य पाठ कर माहौल को खुशनुमा बना दिया। अध्यक्षीय सम्बोधन में पूर्व सांसद डा. चन्द्र शेखर त्रिपाठी ने कहा कि कविगण समाज को आइना दिखाने का कार्य करते हैं। अंत में  नवोन्मेष अध्यक्ष विजित सिंह एवं सतीश चंद्र श्रीवास्तव ‘विजय बाबू’ ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मुनीश ज्ञानी, अजय श्रीवास्तव अज्जू, इद्रीस राइनी पटवारी, शेर अली, सेवानिवृत्त शिक्षक रमापति त्रिपाठी,ईश्वर चन्द्र दूबे आदि सहित काफी संख्या में लोग शामिल रहे।

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