Tuesday, July 8, 2025
Home कार्यक्रम नवोन्मेष की साहित्यिक पहल 'दीपक संग कविता'

नवोन्मेष की साहित्यिक पहल ‘दीपक संग कविता’


जनपद सिद्धार्थनगर के समस्त कवियों को काव्य पाठ हेतु एक साथ, एक मंच पर लाने हेतु वरिष्ठ कवि डॉ. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ‘दीपक’ के मार्गदर्शन में नवोन्मेष द्वारा दिनांक 26.05.2017 को ‘दीपक संग कविता’ का आयोजन अम्बेडकर सभागार में किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू उपस्थित रहे, वही विशिष्ट अथिति के रूप में अपर जिलाधिकारी बाबूराम, उप कृषि निदेशक राजीव झा, जिला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद् के जिलाध्यक्ष अनिल सिंह एवं थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेन्द्र मिश्र द्वारा की गयी। कार्यक्रम के बारे में नवोन्मेष अध्यक्ष विजित सिंह ने बताया कि ये आयोजन जिला मुख्यालय समेत समस्त तहसीलों में भी आयोजित किये जाएंगे जिससे हर क्षेत्र के लोगों को कविताओं से जोड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम की कड़ी में विद्यालय एवं महाविद्यालयों में भी कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं ताकि छात्र-छात्राओं में मौजूद काव्य सृजन की क्षमता को उचित आकार प्रदान किया जा सके।
कवि ब्रम्हदेव शास्त्री ‘पंकज’ ने अपनी रचना “गुम हुए जितने बच्चे मेरे देश के, मैं उन्हें माँ से मिलाना चाहता हूँ” से कार्यक्रम की नींव रखी। वरिष्ट कवि नज़ीर मालिक ने अपनी रचना ‘हो बुज़ुर्ग या खंडहर, क्यों हँसी उड़ाते हो, कल महल रहे होंगे हस्तियाँ रही होंगी” से कार्यक्रम को ऊँचाई प्रदान किये। हास्य कवि राकेश त्रिपाठी ‘गँवार’ ने अपनी कविता “सब मुर्गियां वही हैं, अण्डे बदल गए हैं, ये घाट है पुराना पण्डे बदल गए हैं” से लोगों को हँसने पर मजबूर कर दिया। रत्नेश रतन ने राजनैतिक कटाक्ष वाली रचना “गठबंधन को तोडू भी तो तोडू कैसे, एक मोदी ने सबकी ओदी सुखा दिया है” से लोगों को गुदगुदाया। नियाज़ कपिलवस्तुवि ने अपनी कविता “मौकापरस्त मस्त है हर हाल में नियाज़, सरकार के बदलते ही झंडा बदल गया” से अवसरवादिता पर व्यंग्य किया। डा.जावेद कमाल की कविता “आओ करीब आओ हम तुमको ये बता दे, मेरा चमन यही है, मेरा वतन यही है” से सभी देशभक्ति से ओत प्रोत हो गए। डा.ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ‘दीपक’ ने अपने जीवन की आखिरी ख्वाहिश को कविता के माध्यम से कहा कि “ज़नाज़ा जब उठे मेरा, जनाज़े में जो हो शामिल, रहे खामोश या सिर्फ वन्दे मातरम् बोले”. कवि मंज़र अब्बास रिज़वी, संघशील झलक, पंकज सिद्धार्थ, जुनैद बस्तवी, डा.सुशील सागर, मोनिस फ़ैज़ी आदि ने भी काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम में राजकीय हाई स्कूल की प्रधानाध्यापक विभा चतुर्वेदी, उ.प्र. मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष दीपेंद्र मणि त्रिपाठी, उषा उपाध्याय, राणा प्रताप सिंह, पवन जायसवाल, विद्या सागर साहनी, अरुण पाठक, रजत शर्मा, कंचन लता, सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, नवोन्मेष के मुनीष ज्ञानी, राजेंद्र प्रसाद, राजीव शर्मा समेत सैकड़ों लोस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

एक स्त्री पर कीजिए विश्वास I Poetry I Kumar Ambuj I Vijit Singh

Ek Stree Par Kijiye Vishwas I एक स्त्री पर कीजिए विश्वास Written by  Kumar Ambuj I कवि : कुमार अंबुजPoetry recite by Vijit...

माँ के बिना घर I Poetry I Pankaj Prakhar I Vijit Singh

Maa Ke Bina Ghar I माँ के बिना घर Poetry Written by Pankaj Prakhar I कवि : पंकज प्रखरPoetry recited by Vijit Singh...

अँधेरा बनने से डरो I Poetry I Ila Prasad I Vijit Singh

Andhera Banane Se Daro I अँधेरा बनने से डरो  Poetry Written by Ila Prasad I कवयित्री : इला प्रसादPoetry recited by Vijit...

माँ का जीवन I Poetry I Ankush Kumar I Vijit Singh

Maa Ka Jeewan I माँ का जीवनPoetry Written by Ankush Kumar I कवि : अंकुश कुमारPoetry recited by Vijit Singh I काव्य...

Recent Comments