कारागार की चारदीवारी के भीतर प्रचण्ड ठण्ड की मार झेल रहे गरीब कैदियों के बीच नवोन्मेष द्वारा एक अभियान के तहत वस्त्र दान किया गया. महिला एवं पुरुष बैरिको में ऐसे तमाम कैदी थे जिनके पास पूरा तन ढकने को वस्त्र तक नहीं थे ऐसी स्थिति में नवोन्मेष द्वारा वस्त्र दान का निर्णय लिया. नवोन्मेष द्वारा एक अभियान चलाया गया जिसके अंतर्गत सदस्यों द्वारा घर-घर जाकर गरम कपड़ो के दान हेतु अपील की गयी. मुहीम रंग लायी और महज सात दिनों के भीतर ग्यारह सौ (११००) वस्त्र एकत्रित कर लिए गए. तत्कालीन जेलर श्री डी.सी.मिश्र से स्वीकृति प्राप्त करने के उपरांत उन कैदियों की सूची तैयार की गयी जिन्हें वस्त्रों की अत्याधिक आवश्यकता थी. प्राप्त सूची से प्राथमिकता के आधार पर वस्त्र वितरण कार्य १३ मार्च को प्रारंभ किया गया जिसमें सर्वप्रथम पुरुष बैरेक तत्पश्चात महिला एवं बच्चा बरेक में वस्त्र दान किया गया. वस्त्र दान तत्कालीन जेलर श्री डी.सी.मिश्र की देखरेख में नवोन्मेष अध्यक्ष विजित सिंह, धीरज गुप्ता, अनुराग त्रिपाठी, अफरोज़, विक्रमादित्य गुप्ता एवं सुधीर गुप्ता द्वारा किया गया. वस्त्र दान अभियान के अंतर्गत कुल तीन सौ (३००) कैदियों को ग्यारह सौ (११००) वस्त्र वितरित किये गए.