Siddharthnagar, U.P.
नवोन्मेष की साहित्यिक पहल ‘दीपक संग कविता’ का आयोजन विश्व पर्यावरण दिवस (5 June) के अवसर पर जनपद मुख्यालय पर किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व सांसद डॉ. चन्द्र शेखर त्रिपाठी एवं अध्यक्ष के रूप में प्रो. सुरेन्द्र मिश्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम सञ्चालन डॉ. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ‘दीपक’ द्वारा किया गया। आयोजन में कविताओं के माध्यम से आम जन से पर्यावरण स्वच्छ रखने एवं वृक्षारोपण की अपील की गयी। उक्त आयोजन में जनपद के स्थापित रचनाकारों के साथ ही नवोदित रचनाकारों ने भी काव्य पाठ किया।
पर्यावरण विषय पर कवियों द्वारा किये गए काव्य पाठ इस प्रकार रहे:
हवा ने आग से मिलकर, लड़ाई जग से ठानी है,
बचेंगे हम भला कबतक, बहुत नाराज़ पानी है। . कहीं सूखे, कहीं सैलाब से ख़तरे में है दुनिया,
बचाओ पेड़-पौधों को अगर दुनिया बचानी है।।
– नियाज़ कपिलवस्तुवी
हर दिन ईद मनाओ, हर रात सजे दिवाली,
रेतीली धरती पर कर दो वृक्षों की हरियाली।
– मंज़र अब्बास रिज़वी
गर चाहो जीवन धरती पर,
जल. जमीन, जंगल रहने दो।
– ब्रह्मदेव शास्त्री ‘पंकज’
भूख का वक़्त हो या चिता की घड़ी,
वृक्ष हर पल जले आदमी के लिए।
– डा. सुशील सागर
खुशियों की तुम आस जगा दो, जगह-जगह सब पेड़ लगा दो,
पर्यावरण दिवस है आया, धरती में सोना उगा दो।
-शिवसागर सहर
घुल रहा है हवा में दिनों दिन ज़हर, हो रहे नित प्रदूषित हैं गांव शहर,
देते फल, शुद्ध वायु, हमें छाँव जो, आओ अपनी धरा पर लगाए सज़र।
– राकेश त्रिपाठी ‘गँवार’
प्रतिबिम्बों को खंडित करती दर्पन की रेखा,
टुकड़े-टुकड़े मन कर देती आँगन की रेखा।
– डॉ, ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ‘दीपक’
इसके अतिरिक्त संघशील झलक, पंकज सिद्धार्थ, पवन जायसवाल, शैलेन्द्र शर्मा आदि ने भी काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम में रजत शर्मा, राणा प्रताप सिंह, श्रीधर पाण्डेय, अरुण त्रिपाठी, मान बहादुर, मुनीष ज्ञानी, राजेंद्र प्रसाद, भक्तराज, प्रभात, प्रशांत, वैभव, अंशुमान त्रिपाठी समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में नवोन्मेष अध्यक्ष विजित सिंह ने सभी कवियों समेत अतिथियों का आभार प्रकट किया।