जापनीस इन्सेफलाईटिस से रोकथाम एवं बचाव हेतु लोगो को जागरूक करने के लिए नवोन्मेष द्वारा एक नई मुहीम की शुरुआत की गई . इस मुहिम के अंतर्गत नवोन्मेष द्वारा विद्यालय स्तर पर तमाम कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को इस भयावह बिमारी से बचाव की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है. विद्यालय स्तर पर शुरू किये गए जे.ई. जागरूकता अभियान की शुरुआत सिद्धार्थनगर के
उसका बाज़ार के सेंट जोसेफ स्कूल से की गई. यहाँ सबसे पहले नवोन्मेष के रंगकर्मियों द्वारा नाटक “नवकी बिमारी के खिलाफ जंग” का मंचन किया गया जिसमें लोगों को इस बिमारी से बचाव की जानकारी दी गई. नाटक का लेखन एवं निर्देशन नवोन्मेष अध्यक्ष विजित सिंह किया गया वही प्रमुख पात्र इस प्रकार रहे: सरकारी डॉक्टर- धीरज गुप्ता, झोला छाप डॉक्टर- मुनीश ज्ञानी, गरीब ग्रामीण- सुनील कुमार.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नवोन्मेष अध्यक्ष विजित सिंह ने बताया कि इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य बच्चों को इस बिमारी की भयावहता से परिचित कराना है एवं जे.ई. की रोकथाम एवं बचाव के तरीकों को बच्चों के माध्यम से घर घर तक पहुंचाना है. नाटक के उपरांत बच्चों के बीच जे.ई. ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों से जे.ई. संबंधी प्रश्न पूछे गए. प्रतियोगिता में बच्चों ने बढ-चढकर हिस्सा लिया और सही जवाब के लिए उन्हें पुरुस्कृत भी किया गया. कार्यक्रम के अंत में विजित सिंह ने बताया कि ये बिमारी मूलतः दो कारणों से फैलती है मच्छर और गंदे पानी से. उन्होंने ये भी बताया कि यदि किसी को तेज़ बुखार आ रहा है तो उसके माथे पर ठन्डे पानी की पट्टी रखें, शुद्ध पेयजल का प्रयोग करें, स्वयं को मच्छरों से काटने से बचायें, पीने के पानी के लिए इंडिया मार्का-II हैंडपंप का इस्तेमाल करें या फिर पानी में क्लोरीन की गोली डाल कर पानी पिये, अगर मरीज को तेज बुखार आ रहा है, सिर में भयंकर दर्द हो रहा है, गर्दन/शरीर में अकडन है, शरीर में झटका आ रहा है या उलटी/ मदहोशी आ रही है तो बिना किसी विलंभ के उसे पास के सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र पर ले जाये, किसी भी परिस्थिति में झोला छाप डॉक्टरों के चक्कर में न पड़ें.
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के प्रबंधक मनोज पीटर, प्रिंसिपल कौशल किशोर श्रीवास्तव, शिक्षकगण एवं सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.