पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत नवोन्मेष द्वारा जनपद सिद्धार्थनगर के विभिन्न ग्राम पंचायतों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नवोन्मेष अध्यक्ष विजित सिंह ने बताया कि अगर किसी को दो सप्ताह या अधिक समय तक लगातार खांसी आ रही है, शाम के समय शरीर का तापमान बढ़ जाता है, खांसी के साथ रक्त रंजित बलगम आता है, वजन में कमी आती है या भूख नहीं लगती है तो वो टी.बी. का संभावित मरीज हो सकता है ऐसी स्तिथि में मरीज के बलगम की जांच बिना किसी विलम्ब के नजदीक के डी.एम.सी करनी चाहिए. उन्होंने ये भी बताया कि व्यस्क में सबसे घातक टी.बी. घनात्मक बलगम वाली फेफड़े की टी.बी. होती है. जिला सीनियर डॉट्स प्लस कोऑर्डिनेटर उस्मान खान ने अपने संबोधन के दौरान बताया कि एक टी.बी. मरीज से दुसरे में यह रोग थूक कणों (ड्रॉपलेट) द्वारा ट्रान्सफर होता है. उन्होंने ये भी बताया कि फेफड़े की टी.बी. की जांच सुनिश्चित करने की विधि बलगम की जांच है और टी.बी. पाए जाने पर मरीज को प्रत्यक्ष अवलोकन विधि द्वारा अल्पकालीन अवषधियों का सेवन करना चाहिए.