नवोन्मेष द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आयोजित जे.ई. जागरूकता कार्यक्रम का समापन कल हो गया. ३६०० कि.मी. की लम्बी यात्रा के उपरांत कल देर शाम जे.ई. जागरूकता रथ का पहिया थम गया. लगभग डेढ़ महीने तक चली जे.ई. जागरूकता यात्रा के दौरान पूरे जनपद में यह कार्यक्रम सफलता पूर्वक आयोजित किया गया. जनपद के सभी विकास खण्डों में आयोजित कार्यक्रम में एक तरफ लोगो को इस भयावह बिमारी से बचाव के उपाय बताये गए तो वही दूसरी तरफ नवोन्मेष के रंगकर्मियों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जे.ई. के लक्षण की विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गयी. नुक्कड़ नाटक के उपरांत ग्रामीणों को गवई गीतों (लोकगीत) के माध्यम से उनको उन्ही के भाषा में इस बिमारी से बचाव के तरीके बताये गए. कार्यक्रम समाप्ति के उपरांत भी गाँव की गलियों में लोकगीतों की कुछ पंक्तियाँ जैसे “पहिले बिमरिया हम जो जनती देती दवा कराय, मुनिया हमरी मर गयली जनली न उपाय” गूँज रही है. नुक्कड़ नाटक के दौरान मुनिया नामक बच्ची की जे.ई. से मौत में लोगो को अपने बच्चो कि झलक दिखी जिसके परिणाम स्वरुप ग्रामीणों ने ‘संवाद’ कार्यक्रम के दौरान जमकर जे.ई. बिमारी से सम्बंधित प्रश्न पूछे. कार्यक्रम आयोजन हेतु जनपद के प्रत्येक विकास खंड से दस ग्राम पंचायतों का चयन किया गया था अर्थात कुल मिलाकर १४० ग्राम ग्राम पंचायतों में जे.ई. जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया. कार्यक्रम की एक ख़ास बात ये भी रही की मुख्यालय से शुरू हुई जे.ई. जागरूकता यात्रा के दौरान नवोन्मेष के रंगकर्मियों ने न सिर्फ चयनित ग्राम पंचायतों में जागरूकता कार्यक्रम किया बल्कि सभी प्रमुख चौराहों पे रथ रोककर लोगो को इस बिमारी से बचाव एवं रोकथाम की जानकारी हेतु पम्पलेट वितरित किया. नवोन्मेष द्वारा एकत्रित किये गए आंकड़ों के मुताबिक जे.ई. जागरूकता कार्यक्रम के दौरान एक लाख से ज्यादा लोगो तक इस बिमारी से सम्बंधित जानकारी पहुचाई गयी है. मंचित नुक्कड़ नाटक ‘स्वस्थ्य भारत का निर्माण’ का लेखन एवं निर्देशन नवोन्मेष अध्यक्ष विजित सिंह द्वारा किया गया वही मंचन में नवोन्मेष के रंगकर्मी धीरज गुप्ता, नूर मोहम्मद, अरुण कुमार, मुनीश ज्ञानी, विरेंद्र कुमार, अशोक कुमार, अनिल एवं मनोज कुमार सिंह ने विशेष भूमिका निभाई. लोकगीत का लेखन नवोन्मेष के मुनीश ज्ञानी द्वारा किया गया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में नवोन्मेष के सदस्यों के आलावा स्वास्थ्य विभाग से सम्बंधित विकास खंड के चिकित्सा अधीक्षक, ब्लाक प्रोग्राम मेनेजर, आँगनवाणी, एनम, आशा एवं सम्बंधित ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्यों कि भूमिका भी उल्लेखनीय रही.