जनपद सिद्धार्थनगर में साहित्यिक फुहार लाने के उद्देश्य से जिले की साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था नवोन्मेष द्वारा ‘अखिल भारतीय कवि सम्मलेन एवं मुशायरे’ का आयोजन दिनांक 02 अक्टूबर को शिवपति नगर के रामपुर क्षेत्र में आयोजित किया गया. यह आयोजन गौतम बुद्ध आदर्श पब्लिक स्कूल के सहयोग से विद्यालय प्रांगन में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में जनपद के स्थापित रचनाकारों समेत विभिन्न जनपदों से पधारे कवि/कवियित्रियां ने काव्य पाठ किया. कार्यक्रम का उद्घाटन नगर पालिका परिषद् सिद्धार्थनगर के अध्यक्ष मो.जमील सिद्दीकी एवं प्रभारी चिकित्साधिकारी डा.अभय सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. अपने संबोधन के दौरान मो.जमील सिद्दीकी ने कहा कि ग्रामीण अंचल में इस प्रकार का भव्य साहित्यिक आयोजन कर नवोन्मेष ने सार्थक अभिनव पहल की है. उन्होंने यह भी कहा कि आयोजन में उपस्थित विशाल जनसमूह ने एक बात और स्पस्ट कर दी यहाँ के लोगों में साहित्य के प्रति अनंत रूचि है और इस प्रकार के आयोजन से जनपद को एक अलग साहित्यिक पहचान मिलेगी. कार्यक्रम का सञ्चालन वरिष्ट रचनाकार डा.ज्ञानेंद्र द्विवेदी ‘दीपक’ द्वारा किया गया एवं अध्यक्षता राकेश ऋषभ द्वारा की गयी. युवा रचनाकार नियाज़ कपिल्वस्तुवी ने चुनावी मौसम के बारे में अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा कि ‘चढ़ा गाँव में फिर से दावत का मौसम, मगर साथ लाया अदावत का मौसम, बगावत का मौसम, हिमायत का मौसम, गज़ब ढा रहा है सियासत का मौसम’. लखनऊ से पधारी कवियित्री डा. मंजू प्रीति ने वतनपरस्ती पर जज़्बात व्यक्त करते पढ़ा कि ‘यहाँ कोई भी दुश्वारी नहीं है, मगर लोगों में खुद्दारी नहीं है, नहीं है देश से जिसको मुहब्बत, यहाँ रहने का अधिकारी नहीं है’. डा.जावेद कमाल ने अपनी बहुचर्चित पंक्ति प्रस्तुत करते हुए सुनाया कि ‘अब न लालो गोहर चाहिए, प्यार की एक नज़र चाहिए, टूटा फूटा ही जावेद हो, मुझको अपना ही घर चाहिए’. वरिष्ट रचनाकार नजीर मालिक ने अपनी तमाम रचना के साथ लोगों की विशेष फरमाइश पर अपनी प्रसिद्द रचना “ओ मेरे सपनों की रानी, मेरी पर्थम अंतिम प्रेम कहानी, सब कहते हैं तुम तो मुझसे प्यार नहीं करती हो, फिर क्यों धुप में नंगे पांव खडी रहती हो’ से कार्यक्रम को उंचाई प्रदान की. युवा रचनाकार शादाब शब्बीरी ने अपनी ग़ज़ल ‘उनको अपना मेहरबां जब कह दिया तो कह दिया, जाने जाँ को जाने जाँ जब कह दिया तो कह दिया’ से युवाओं की विशेष वाह वाही लूटी. रचनाकार रत्नेश चतुर्वेदी ने अपनी अवधी रचना “कुल पढ़ल लिखब बेकार हो गईल, डिग्री के पाला मार गईल” से वर्तमान व्यवस्था पर जोरदार प्रहार किया. राकेश ऋषभ ने अपनी रचना “चला नसीरे मछरी मारी” से मंहगाई को बयाँ किया. कार्यक्रम में डा.प्रेमलता द्विवेदी, डा.सुशील सागर, डा,राम कृष्ण लाल जगमग, ब्रम्हदेव शास्त्री, संघशील बौद्ध, मुनीश ग्यानी आदि ने भी काव्य पाठ किया. कार्यक्रम में सहयोग हेतु नवोन्मेष अध्यक्ष विजित सिंह ने गौतम बुद्ध आदर्श पब्लिक स्कूल के समस्त प्रबंधन समिति का आभार प्रकट किया. कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधक पटेश्वरी प्रसाद चौधरी, प्रधानाचार्य विजय कुमार यादव, सदीप चौधरी समेत नवोन्मेष के धीरज गुप्ता, विक्रमादित्य हप्ता, मुनीश ग्यानी, राजेंद्र प्रसाद आदि समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे.